सीरियल पवित्र रिश्ता में वर्षा का किरदार निभाने वाली मराठी अभिनेत्री Priya Marathe का 38 साल की उम्र में निधन (Priya Marathe Death) हो गया। प्रिया पिछले दो सालों से कैंसर से जूझ रही थीं, लेकिन 31 अगस्त को वह इस जंग में हार गईं। कैंसर से जान बचाने के लिए इस बीमारी की जल्द पहचान ज़रूरी है। आइए जानते हैं इसके कुछ शुरुआती लक्षण।

Priya Marathe Death
अभिनेत्री प्रिया मराठे की 38 साल की उम्र में कैंसर के कारण हुई मौत ने सभी को चौंका दिया। प्रिया मराठे ने पवित्र रिश्ता जैसे हिट टीवी सीरियल और कई वेब सीरीज में काम किया था। कुछ साल पहले उन्हें कैंसर का पता चला था। जिसका वह इलाज करा रही थीं। लेकिन इलाज का कोई असर नहीं हुआ। धीरे-धीरे कैंसर उनके शरीर में फैलने लगा और हालत बिगड़ती चली गई। डॉक्टरों के मुताबिक, अगर शुरुआती दौर में ही कैंसर का पता चल जाए, तो मरीज की जान बचाना काफी आसान हो जाता है। इसलिए कैंसर से बचने के लिए कुछ टेस्ट करवाते रहना चाहिए। इससे कैंसर से मरने का खतरा कम हो जाता है।
कैंसर का पता लगाने के लिए डॉक्टर बायोप्सी परीक्षण की सलाह देते हैं। शरीर में कैंसर की जांच करने और यह जानने के लिए कि कैंसर कितनी दूर तक फैल चुका है, बायोप्सी परीक्षण किया जाता है। इसके अलावा कुछ ऐसे परीक्षण भी हैं जिनसे शरीर के विभिन्न भागों में बढ़ रहे कैंसर का पता लगाया जा सकता है।

कैंसर का पता लगाने के लिए कौन सा टेस्ट कराएं
स्तन कैंसर परीक्षण – महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा काफी बढ़ रहा है। 25 वर्ष की आयु के बाद, हर महिला को हर साल स्तन कैंसर की जाँच करवानी चाहिए। स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए CA15.3 परीक्षण किया जाता है। इसके अलावा, शारीरिक जाँच भी की जाती है।
पेट के कैंसर का परीक्षण- बिजनेस कार्ड मेरे पास CA72.4 का एक बड़ा हिस्सा है. आपको साल में एक बार ये जरूर रखना चाहिए। सीए 19.9 वर्ष की आयु सीमा ठीक है. एक और विकल्प चुनें। मेरे पास एक अच्छा विकल्प है।

डिम्बग्रंथि के कैंसर की जाँच- महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद CA 125 मार्कर टेस्ट करवाना चाहिए। यह डिम्बग्रंथि के कैंसर की जाँच है। महिलाओं को पेट के कैंसर के लिए CA72.4 और CAA कॉमन एंटीजन टेस्ट भी करवाना चाहिए। आपको साल में एक बार ये टेस्ट ज़रूर करवाने चाहिए।
इन जाँचों को करवाने से कैंसर का काफी हद तक पता लगाया जा सकता है। कैंसर का पता जितनी जल्दी चलेगा, इलाज उतना ही बेहतर होगा। यही वजह है कि कैंसर के बढ़ते मामलों के साथ कैंसर के निदान के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है। क्योंकि जागरूकता ही किसी भी बीमारी से सबसे बड़ा बचाव है।
