PM Vishwakarma Yojana के तहत पारंपरिक कारीगरों के लिए ₹15,000 तक की टूलकिट, आसान ऋण और मुफ्त प्रशिक्षण का लाभ लें। पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और वितरण की पूरी जानकारी यहां पढ़ें।
PM Vishwakarma Yojana भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत, कारीगरों को आधुनिक उपकरण, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य 18 पारंपरिक व्यवसायों जैसे बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, दर्जी, मूर्तिकार आदि को बढ़ावा देना है।
अब इस योजना के तहत PM Vishwakarma Yojana की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे लाभार्थियों को उनके व्यवसाय के लिए आवश्यक उपकरण घर पर या नजदीकी केंद्र पर प्राप्त हो सकेंगे। आइए जानते हैं इस टूलकिट से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां।
PM Vishwakarma Yojana Toolkit – मुख्य जानकारी
योजना का नाम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना |
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टूलकिट मूल्य | 15,000 रुपये तक |
लाभार्थी | 18 पारंपरिक व्यवसायों के कारीगर |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
टूलकिट वितरण | घर पर या नजदीकी केंद्र पर |
योजना की अवधि | 2023-24 से 2027-28 तक |
कुल बजट | 13,000 – 15,000 करोड़ रुपये |
लाभार्थियों की संख्या | लगभग 30 लाख |
PM Vishwakarma Toolkit क्या है?
PM Vishwakarma Yojana उन पारंपरिक कारीगरों को प्रदान की जाने वाली विशेष उपकरणों की एक किट है, जो उनके व्यवसाय के अनुसार भिन्न होती है। उदाहरण के लिए:
- बढ़ई (Carpenter): आरी, हथौड़ा, प्लेनर आदि
- सुनार (Goldsmith): गहने बनाने के विशेष उपकरण
- कुम्हार (Potter): मिट्टी के बर्तन बनाने के उपकरण
- मोची (Cobbler): जूते-चप्पल मरम्मत करने के औजार
- दर्जी (Tailor): सिलाई मशीन और आवश्यक उपकरण
PM Vishwakarma Toolkit के लाभ
- बेहतर कार्यक्षमता: कारीगर अपने व्यवसाय को अधिक कुशलता से चला सकते हैं।
- उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार: आधुनिक उपकरणों से उत्पाद बेहतर बनते हैं।
- तकनीकी उन्नयन: पारंपरिक शिल्प को नई तकनीकों से जोड़ा जा रहा है।
- आय में वृद्धि: उन्नत उपकरण और प्रशिक्षण से कारीगरों की आमदनी बढ़ेगी।
PM Vishwakarma Toolkit कब तक मिलेगी?
लाभार्थियों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि PM Vishwakarma Yojana कब तक पहुंचेगी? सरकारी सूत्रों के अनुसार, टूलकिट का वितरण 2025 के मध्य तक पूरा होने की संभावना है। इसे तीन चरणों में वितरित किया जाएगा:
- पहला चरण: कुछ चुनिंदा जिलों में वितरण शुरू हो चुका है।
- दूसरा चरण: यह प्रक्रिया अन्य जिलों में बढ़ाई जाएगी।
- तीसरा चरण: पूरे देश में सभी पात्र लाभार्थियों को टूलकिट दी जाएगी।
PM Vishwakarma Toolkit वितरण प्रक्रिया
सरकार टूलकिट वितरण के लिए दो तरीके अपना रही है:
- घर पर डिलीवरी: कुछ राज्यों में लाभार्थियों को टूलकिट घर पर मिलेगी।
- वितरण केंद्र: अन्य जगहों पर कारीगरों को नजदीकी केंद्र से टूलकिट प्राप्त करनी होगी।
PM Vishwakarma Yojana के अन्य लाभ
- ₹15,000 तक की मुफ्त टूलकिट
- मुफ्त कौशल प्रशिक्षण
- 3 लाख रुपये तक का आसान ऋण (कम ब्याज दर पर)
- डिजिटल भुगतान पर प्रति लेन-देन ₹1 प्रोत्साहन
- बाजार से जुड़ने की सुविधा
PM Vishwakarma Yojana पात्रता
PM Vishwakarma Yojana का लाभ लेने के लिए आवश्यक शर्तें:
- आवेदक की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक को 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में कार्यरत होना चाहिए।
- आधार कार्ड और बैंक खाता अनिवार्य है।
- लाभार्थी गरीबी रेखा से नीचे (BPL) या निम्न आय वर्ग से होना चाहिए।
योजना में शामिल 18 व्यवसाय
- बढ़ई (Carpenter)
- लोहार (Blacksmith)
- सुनार (Goldsmith)
- कुम्हार (Potter)
- मूर्तिकार (Sculptor)
- मोची (Cobbler)
- राजमिस्त्री (Mason)
- टोकरी/चटाई बनाने वाले
- दर्जी (Tailor)
- नाई (Barber)
- धोबी (Washerman)
- मालाकार (Garland Maker)
- तांबा/पीतल के बर्तन बनाने वाले
- ताले बनाने वाले (Locksmith)
- पत्थर तोड़ने वाले (Stone Breaker)
- नाव निर्माता (Boat Maker)
- हथियार निर्माता (Armorer)
- मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले (Fishing Net Maker)
PM Vishwakarma Yojana के लिए आवेदन कैसे करें?
PM Vishwakarma Yojana में आवेदन करने की प्रक्रिया बहुत सरल है:
- ऑनलाइन पंजीकरण: आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और फॉर्म भरें।
- दस्तावेज अपलोड करें: आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण आदि अपलोड करें।
- आवेदन जमा करें: भरा हुआ फॉर्म सबमिट करें।
- सत्यापन प्रक्रिया: स्थानीय प्रशासन द्वारा सत्यापन किया जाएगा।
- अनुमोदन: जिला समिति द्वारा अनुमोदन के बाद लाभ मिलेगा।
जरूरी दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक पासबुक की कॉपी
- व्यवसाय प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो)
- आय प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
PM Vishwakarma Yojana का समाज पर प्रभाव
- कारीगरों की आय में वृद्धि होगी।
- पारंपरिक शिल्प का संरक्षण किया जाएगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
- नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
Disclaimer (अस्वीकरण)
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए लिखा गया है। योजना की शर्तें और प्रक्रियाएं समय-समय पर बदल सकती हैं। नवीनतम जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइट या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें। इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी निर्णय के लिए लेखक या वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगी।